एटीएम में कैश डालने वाले को लूटकर मौत के घाट उतारने वाले चार आरोपी गिरफ्तार
चार लुटेरों ने हत्या से पहले एटीएम में कैश डालने वाले कर्मी सुमंत राव का पडरौना से पडरौना से अपहरण किया था। बोलेरो में उसे असलहे के बल पर लादा गया और कुछ दूर आगे ले जाकर बोलेरो में ही विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी। रामकोला क्षेत्र में देर शाम चरिघरवा के पास गन्ने के खेत में शव फेंक कर हत्यारे फरार हो गए थे।
ATM में कैश डालने पौने चार लाख रुपये लेकर निकला था, मर्डर के बाद गन्ने के खेत में मिली लाश
यह खुलासा एसपी विनोद कुमार मिश्र ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में किया। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को कसया थाना क्षेत्र के तेतरिया निवासी सुमंत राव एटीएम में पैसा डालने की बात कह कर घर से निकला था और गायब हो गया था। उसे पडरौना के एक मॉल से 3.71 लाख रुपये जुटा कर एटीएम में डालना था। उसने रुपये एकत्र किए मगर जमा करने से पहले ही गायब हो गया। शाम को उसके पिता साहब राव की तहरीर पर पडरौना कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज की गई थी। मंगलवार को सुबह रामकोला थाना क्षेत्र के चरिघरवा गांव के पास गन्ने के खेत में उसका हत्या कर फेंका गया शव बरामद हुआ था।
खुलासे के लिए पडरौना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक पवन सिंह के नेतृत्व में टीम लगायी गई थी। टीम ने अपनी पड़ताल में यह पता लगा लिया कि बैंक के एटीएम तक पहुंचने से पहले मॉल के सामने ही उसे कुछ लोगों ने रोका था। बोलेरो सवार इन लोगों में से एक की सुमंत से जान पहचान थी। उसने सुमंत से उतर कर हाथ मिलाया था और गाड़ी में बैठने को कहा था। फिर उसे जबर्दस्ती बैठाकर साथ ले गए। सर्विलांस व मुखबिर की मदद से पुलिस ने इस युवक का पता लगा लिया। यह रामकोला थाना क्षेत्र के देवरिया बाबू का आदित्य था। पुलिस ने इसके बाद उसकी तलाश में जगह-जगह मुखबिर लगा दिए। बुधवार को मुखबिर से सूचना मिली कि आदित्य अपने साथियों के साथ मिश्रौली की ओर से पडरौना की ओर आने वाला है। पुलिस टीम ने घेराबंदी कर पड़री गांव के पास बोलेरो को रोक लिया।
इसमें आदित्य के साथ रामकोला थाना क्षेत्र के फुलवरिया गांव निवासी मनीष राव, देवरिया बाबू का मुन्ना मौर्य व इसी गांव का मनोज यादव भी मौजूद थे। इसके पास से 312 बोर का एक कट्टा, एक जिंदा व एक खोखा कारतूस बरामद हुआ। चारों के पास से 2.28 लाख रुपये भी बरामद हुए। इन्हें हिरासत में लेकर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की सभी ने अपहरण, लूट व हत्या की बात कबूल कर ली।
कहने पर नहीं बैठा तो तमंचा सटाकर उठाया
एसपी ने बताया कि आदित्य पहले उसी मॉल में काम करता था, जहां से रुपये कलेक्ट कर सुमंत एटीएम में डालता था। काम के दौरान ही उसकी तीन महीने पहले सुमंत से मुलाकात हुई और जान पहिचान हो गयी। दो चार मुलाकातों में ही सुमंत ने उसे अपने काम के बारे पूरी जानकारी दे दी। दो महीने पहले आदित्य ने नौकरी छोड़ दी और रिश्तेदार घर से आ जाकर उसकी रेकी करने लगा। दो महीने तक रोज उससे मिलता मगर अपने खतरनाक मंसूबे की भनक तक न लगने दी। योजना के तहत उसने अपने तीन सार्थियों को साथ लिया और 10 फरवरी को पडरौना मॉल के पास सफेद रंग की बोलेरो से पहुंचा। तब सुमंत मौल से रुपये कलेक्ट कर मॉल से बाहर निकल रहा था। उतर कर उससे हाथ मिलाया।
बैग में रुपये होने की बात कह कर सुमंत ने बैठने से इनकार किया तो तमंचा सटा दिया। दोनों दोस्तों ने उसका मुंह दबाकर गाड़ी में धकेल दिया। चालक की सीट पर मनीष राव पहले से तैनात था। उसने गाड़ी रामकोला रोड पर आगे बढ़ा दी। जब मनीष को धोखे का अहसास हुआ तो उसने चिल्लाना शुरू किया मगर शीशा बंद होने से उसकी आवाज बाहर नहीं आयी। शहर से बाहर निकलने पर भी सुमंत ने विरोध जारी रखा तो बदमाशों ने उसकी गोली मार दी। गोली लगने के कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया।
बोलेरो ड्राइवर की नौकरी करता था मनीष
एसपी ने बताया कि मनीष राव ड्राइवर है। वह किसी की बोलेरो चलाता था। आदित्य ने उससे बताया था कि एक आदमी को उठाना है तो वह वही बोलेरो लेकर आ गया था, जिस पर ड्राइवर की नौकरी करता था। इसी गाड़ी से सुमंत को अपहरण किया गया और विरोध पर पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी गई। शाम तक यह गाड़ी लेकर इधर उधर घूमते रहे। जब चरिघरवा के पास सुनसान दिखा तो वहां शव व बैग फेंक कर फरार हो गए।
खुलासा करने वाली टीम को दस हजार का इनाम
एसपी विनोद कुमार मिश्र ने खुलासा करने वाली टीम में शामिल इंसपेक्टर पवन सिंह, मृत्युंजय सिंह, दरोगा उमेश कुमार, रमा शंकर सिंह यादव, नागेन्द्र सिंह, आलोक कुमार आदि 16 पुलिसकर्मियों को 10 हजार रूपये का नकद ईनाम दिया है। चारों अभियुक्तों पर हत्या कर साक्ष्य गायब करने, लूट व अपहरण का भी मुकदमा दर्ज किया गया है।